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Thiruvananthapuram हवाई अड्डे पर धार्मिक जुलूस के कारण उड़ान सेवाएं स्थगित, 5 घंटे बाद हुई फिर से शुरू

केरल के Thiruvananthapuram अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शनिवार को पांच घंटे तक उड़ान सेवाएं बंद रहीं। इसका कारण था मंदिर में आयोजित ‘अल्पासी अरत्तू’ जुलूस, जो हवाई अड्डे के पास से गुजर रहा था। यह धार्मिक जुलूस थिरुवनंतपुरम के प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर से शंकोंमुंगम बीच तक जा रहा था। जुलूस के कारण हवाई अड्डे पर सभी उड़ान सेवाएं स्थगित कर दी गई थीं, जिन्हें शाम 9 बजे फिर से बहाल किया गया, जब जुलूस वापस मंदिर लौट आया।

क्या था जुलूस का कारण?

‘अल्पासी अरत्तू’ एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जो पद्मनाभस्वामी मंदिर से शुरू होकर शंकोंमुंगम बीच तक जाता है। यह जुलूस हर साल अक्टूबर-नवंबर महीने में आयोजित होता है, और यह त्यौहार की महत्वपूर्ण परंपरा का हिस्सा है। जुलूस में पुरुषों के साथ-साथ श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या और पांच हाथी भी शामिल होते हैं, जो इसे और भी भव्य बनाते हैं।

शनिवार को जुलूस का आयोजन लगभग 5 बजे हुआ। जुलूस जब हवाई अड्डे के पास से गुजर रहा था, तो मंदिर के देवताओं के मूर्तियों को हवाई अड्डे के रनवे के पास स्थित ‘अर्तू मंडपम’ में कुछ समय के लिए रखा गया। इसके बाद, इन मूर्तियों को शंकोंमुंगम बीच पर ले जाया गया, जहाँ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए गए। इस दौरान, हवाई अड्डे की उड़ान सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, ताकि जुलूस के मार्ग में कोई रुकावट न आए और श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

उड़ान सेवाएं क्यों रोकी गईं?

हवाई अड्डे के अधिकारियों के अनुसार, जब जुलूस हवाई अड्डे के परिसर में प्रवेश किया, तो मूर्तियों को रनवे के पास कुछ समय के लिए रखा गया। इसके बाद, ये मूर्तियां शंकोंमुंगम बीच पर धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए ले जाई गईं। जुलूस के कारण किसी भी तरह की असुविधा और सुरक्षा खतरों से बचने के लिए उड़ान सेवाओं को रोक दिया गया था।

Thiruvananthapuram हवाई अड्डे पर धार्मिक जुलूस के कारण उड़ान सेवाएं स्थगित, 5 घंटे बाद हुई फिर से शुरू

सुरक्षा कारणों और यातायात की सुगमता को ध्यान में रखते हुए, हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गईं। यह निर्णय जुलूस के सुचारू रूप से संचालन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए लिया गया था।

इस परंपरा का इतिहास

यह परंपरा वर्षों से चल रही है और हर साल अक्तूबर-नवंबर और मार्च-अप्रैल में होने वाली दो प्रमुख धार्मिक जुलूसों के दौरान हवाई अड्डे की उड़ान सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद किया जाता है। यह परंपरा उस समय से जारी है जब हवाई अड्डे का संचालन राजशाही के तहत हुआ करता था। हालांकि, अब इसे आदानी समूह द्वारा संचालित किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद यह ऐतिहासिक परंपरा कायम है।

हवाई अड्डा प्रशासन हर साल इस धार्मिक अनुष्ठान के कारण उड़ान सेवाओं के रोकने के बारे में पायलटों और एयरलाइनों को अग्रिम नोटिफिकेशन (NOTAM) जारी करता है, ताकि उड़ानों की योजना बनाई जा सके और किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।

इससे जुड़ी विशेष बातें

अल्पासी अरत्तू जुलूस के दौरान हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाओं का स्थगित होना केवल एक अस्थायी कदम है, जो सुरक्षा और धार्मिक अनुष्ठान के सम्मान में उठाया जाता है। यह आयोजन पद्मनाभस्वामी मंदिर से जुड़ी एक ऐतिहासिक परंपरा का हिस्सा है, जिसे पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जाता है।

हवाई अड्डे पर पांच घंटे तक उड़ान सेवाओं का रुकना इस बात का संकेत है कि धार्मिक परंपराओं को महत्वपूर्ण माना जाता है, और यह भी दर्शाता है कि किस तरह से विभिन्न परंपराओं और आधुनिक सुविधाओं के बीच संतुलन स्थापित किया जाता है।

थिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाओं का स्थगित होना एक धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, जिसे लेकर अधिकारियों द्वारा पूरी तैयारी की जाती है। इस दौरान हवाई अड्डे पर सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि श्रद्धालुओं और यात्रियों को कोई असुविधा न हो। यह परंपरा, जो शताब्दियों से चली आ रही है, अब भी अपनी जगह बनाए हुए है, और इसका महत्व न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अहम है।

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